कैसे कह दूं कि दर्द होता नहीं
ये अलग बात है मैं रोता नहीं
मैं कहां जाऊं सारी दुनिया में
कोई तो मेरी बाट जोता नहीं
कैसे पहचानूं रंग दुनिया का
जैसा दीखे है वैसा होता नहीं
मुझ को अपना भी हर कोई कहता
और मेरा भी कोई होता नहीं
प्यास फ़ैली है सारे जंगल में
मीठे पानी का कोई सोता नहीं
भाड में जा ज़माने अब तू भी
अब तुझे भी "यकीन" रोता नहीं
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